Bombay Blood Group: Rare Blood Type की पूरी जानकारी 2025

Published on: October 31, 2025
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क्या आपने कभी सोचा है कि Bombay Blood Group इतना खास क्यों है? यह दुनिया का सबसे rare blood group है जो लगभग 10,000 में से केवल 1 व्यक्ति में पाया जाता है। भारत में खासकर मुंबई (पुराना नाम बॉम्बे) के आसपास इस blood type की खोज हुई थी, इसलिए इसका नाम Bombay Blood Group पड़ा।

Bombay Blood Group structure diagram showing absence of H antigen on red blood cells compared to normal blood types

Bombay Blood Group क्या है?

Bombay Blood Group एक अत्यंत rare phenotype है जो ABO blood group system में एक विशेष आनुवंशिक स्थिति के कारण बनता है। सामान्य blood groups (A, B, AB, O) में H antigen नामक एक प्रोटीन होता है, जो red blood cells की सतह पर पाया जाता है। लेकिन Bombay Blood Group वाले व्यक्तियों में यह H antigen पूरी तरह से अनुपस्थित होता है।

साइंटिफिक व्याख्या:

सामान्य blood group बनने की प्रक्रिया में, H gene पहले H antigen बनाता है, फिर इसी के ऊपर A या B antigens जुड़ते हैं। लेकिन Bombay phenotype वाले लोगों में H gene में genetic mutation होने के कारण H antigen ही नहीं बनता। इसलिए भले ही उनके DNA में A या B genes मौजूद हों, वे प्रकट नहीं हो पाते।

मेडिकल टर्म में इसे “hh phenotype” या “Oh phenotype” भी कहते हैं, जहाँ छोटा ‘h’ H gene की अनुपस्थिति को दर्शाता है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप की खोज किसने की?

Bombay Blood Group की खोज सबसे पहले 1952 में मुंबई (तब बॉम्बे) में हुई थी। भारतीय वैज्ञानिक डॉ. Y.M. Bhende और उनकी टीम ने King Edward Memorial Hospital, मुंबई में इस अद्भुत blood phenotype की पहचान की।

खोज की कहानी:

डॉ. Bhende ने एक मरीज की blood testing के दौरान पाया कि उसका blood किसी भी सामान्य blood group (A, B, AB, O) से मेल नहीं खा रहा था। गहन शोध के बाद उन्होंने यह पता लगाया कि इस व्यक्ति के red blood cells में H antigen की पूर्ण कमी थी।

यह खोज hematology (रक्त विज्ञान) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस खोज को “Indian Journal of Medical Research” में प्रकाशित किया गया था।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप इतना स्पेशल क्यों है?

Bombay Blood Group को इतना खास बनाने वाली कई विशेषताएं हैं:

1. अत्यंत दुर्लभता

Bombay phenotype दुनिया भर में सबसे rare blood type है। आंकड़ों के अनुसार:

  • वैश्विक स्तर पर: लगभग 1 मिलियन में से केवल 1 व्यक्ति
  • भारत में: 10,000 में से लगभग 1 व्यक्ति (विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात में)
  • मुंबई क्षेत्र में: सबसे अधिक प्रचलन (7,600 में से 1)

2. ब्लड ट्रांसफ्यूजन की चुनौती

Bombay Blood Group वाले व्यक्तियों को blood transfusion के समय गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें केवल same group वाला blood ही चढ़ाया जा सकता है, अन्यथा गंभीर transfusion reaction हो सकता है।

3. यूनिक एंटीबॉडी प्रोफाइल

Bombay phenotype वाले लोगों के plasma में anti-H antibodies होते हैं, जो सभी सामान्य blood groups में मौजूद H antigen के खिलाफ प्रतिक्रिया करते हैं। यही कारण है कि वे किसी भी अन्य blood type को स्वीकार नहीं कर सकते।

4. आनुवंशिक महत्व

यह autosomal recessive trait है, यानी माता-पिता दोनों से recessive gene मिलने पर ही यह phenotype प्रकट होता है। Genetic counseling के लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप कैसे पता करें?

Bombay Blood Group का पता लगाना सामान्य blood typing से थोड़ा जटिल होता है। यहाँ step-by-step प्रक्रिया दी गई है:

स्टेप 1: बेसिक ब्लड टाइपिंग

सबसे पहले सामान्य ABO blood grouping test किया जाता है। Bombay phenotype वाले व्यक्तियों का blood सामान्य टेस्ट में ‘O’ group जैसा दिखता है।

स्टेप 2: एडवांस्ड टेस्टिंग

जब किसी व्यक्ति के blood में कुछ असामान्य पैटर्न दिखता है, तो निम्न specialized tests किए जाते हैं:

  • Anti-H lectin test: यह सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट है। Bombay Blood Group इस टेस्ट में negative reaction देता है
  • Saliva testing: H antigen की उपस्थिति की जांच
  • Antibody screening: Anti-H antibodies की पहचान
  • Family screening: परिवार के सदस्यों की genetic testing

स्टेप 3: जेनेटिक कन्फर्मेशन

Molecular genetic testing से FUT1 gene में mutation की पुष्टि की जाती है। यह सबसे सटीक विधि है।

कहाँ करवाएं टेस्ट?

  • बड़े सरकारी अस्पतालों की blood banks
  • ICMR (Indian Council of Medical Research) से मान्यता प्राप्त लैब
  • Immunohematology विशेषज्ञता वाली लैब
  • Genetic testing centers

⚠️ महत्वपूर्ण: अगर आपको या आपके परिवार में किसी को blood transfusion में कभी समस्या हुई है, तो advanced blood typing जरूर करवाएं।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप के अन्य नाम

Bombay Blood Group को चिकित्सा विज्ञान में कई नामों से जाना जाता है:

  • hh phenotype (सबसे आम scientific term)
  • Oh phenotype (O के साथ subscript h)
  • Bombay phenotype
  • H-deficient blood type
  • Null phenotype (कुछ संदर्भों में)
  • Para-Bombay phenotype (एक related variant)

पैरा-बॉम्बे क्या है?

Para-Bombay एक related लेकिन थोड़ा अलग phenotype है जहाँ H antigen बहुत कम मात्रा में उपस्थित होता है। यह Bombay phenotype से कम दुर्लभ है लेकिन फिर भी blood transfusion में सावधानी की जरूरत होती है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप के फायदे और नुकसान

फायदे:

1. यूनिवर्सल डोनर क्षमता: Bombay Blood Group वाले व्यक्ति सभी blood groups को blood donate कर सकते हैं (A, B, AB, O सभी को), क्योंकि उनके blood में A, B या H antigens नहीं होते जो rejection का कारण बन सकें।

2. कुछ संक्रमणों से सुरक्षा: शोध से पता चला है कि H antigen की अनुपस्थिति कुछ viral infections और parasitic diseases (जैसे malaria के कुछ strains) से थोड़ी सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

3. रिसर्च में योगदान: Bombay phenotype वाले व्यक्तियों का blood medical research, विशेषकर genetics और immunology के क्षेत्र में बेहद मूल्यवान है।

नुकसान या चुनौतियाँ:

1. आपातकालीन स्थिति में खतरा: सबसे बड़ी समस्या यह है कि emergency में compatible blood मिलना लगभग असंभव होता है। केवल Bombay phenotype वाला blood ही उपयोग किया जा सकता है।

2. ब्लड की कमी: चूंकि यह इतना rare है, blood banks में यह blood type आमतौर पर उपलब्ध नहीं होता। India में कुछ गिनी-चुनी blood banks ही Bombay Blood Group का stock रखती हैं।

3. गर्भावस्था में जटिलताएं: अगर Bombay phenotype वाली महिला गर्भवती है और बच्चे का blood group अलग है, तो hemolytic disease of the newborn (HDN) का खतरा हो सकता है, हालांकि यह बहुत rare है।

4. गलत ब्लड ग्रुप की पहचान: सामान्य blood typing में अक्सर इसे ‘O’ group समझ लिया जाता है, जो गलत transfusion का कारण बन सकता है।

5. सीमित डोनर नेटवर्क: आपको blood मिल सके इसके लिए एक dedicated donor network की आवश्यकता होती है, जो बनाना और maintain करना चुनौतीपूर्ण है।

6. मनोवैज्ञानिक तनाव: इतने rare blood type होने की जानकारी से कुछ लोगों में anxiety और stress हो सकता है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप किसे डोनेट कर सकता है और किससे ले सकता है?

यह सबसे महत्वपूर्ण जानकारी है जो जीवन बचा सकती है:

किसे डोनेट कर सकते हैं?

Bombay Blood Group वाले व्यक्ति universal donor की तरह काम करते हैं:

इस ग्रुप के डोनर सभी ग्रुप क व्यक्तियों को दान कर सकते हैं

क्यों? क्योंकि Bombay blood में कोई भी antigen (A, B, या H) नहीं होता, इसलिए प्राप्तकर्ता का immune system इसे foreign नहीं समझता।

किससे ले सकते हैं?

यहाँ सबसे बड़ी समस्या है:

केवल Bombay Blood Group से ही ले सकते हैं

क्यों? क्योंकि Bombay phenotype वाले लोगों के plasma में anti-H antibodies होते हैं। चूंकि सभी सामान्य blood groups (A, B, AB, और यहाँ तक कि O भी) में H antigen होता है, इसलिए उनका immune system किसी भी अन्य blood type को अस्वीकार कर देता है और गंभीर transfusion reaction हो सकता है।

Rh Factor का क्या रोल है?

Bombay Blood Group में भी Rh factor (positive या negative) होता है:

  • Bombay Rh-positive व्यक्ति Bombay Rh-positive या Bombay Rh-negative दोनों से blood ले सकते हैं
  • Bombay Rh-negative व्यक्ति केवल Bombay Rh-negative से ही ले सकते हैं

सुरक्षा और सावधानियां

इस Group वाले व्यक्तियों के लिए कुछ विशेष सावधानियां बेहद जरूरी हैं:

1. मेडिकल डॉक्यूमेंटेशन

  • हमेशा अपने साथ एक medical card रखें जिस पर आपका blood type स्पष्ट रूप से लिखा हो
  • Medical alert bracelet या necklace पहनें
  • अपने परिवार और करीबी दोस्तों को इस बारे में जानकारी दें
  • अपने सभी medical records में इसका स्पष्ट उल्लेख सुनिश्चित करें

2. डोनर नेटवर्क

  • Rare Blood Group Registries में अपना नाम register करवाएं
  • Think Foundation, Sankalp India Foundation जैसे organizations से जुड़ें
  • Facebook groups और WhatsApp communities में शामिल हों
  • अपने परिवार में blood type testing करवाएं

3. सर्जरी से पहले

  • किसी भी planned surgery से कम से कम 2-3 महीने पहले blood arrangement की planning शुरू करें
  • Autologous blood donation (अपना blood पहले से store करना) के बारे में डॉक्टर से बात करें
  • हमेशा उस अस्पताल को चुनें जिसके पास advanced blood banking facility हो

4. गर्भावस्था में

  • Preconception counseling जरूर लें
  • Prenatal care के दौरान अपने obstetrician को पहले ही बता दें
  • Delivery के लिए ऐसे hospital को चुनें जहाँ emergency blood arrangement संभव हो

भारत में बॉम्बे ब्लड ग्रुप और संसाधन

भारत में Bombay Blood Group से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण संसाधन:

प्रमुख ब्लड बैंक्स:

  • King Edward Memorial (KEM) Hospital, मुंबई
  • Sir J.J. Group of Hospitals, मुंबई
  • All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), नई दिल्ली
  • Christian Medical College (CMC), वेल्लोर
  • Postgraduate Institute of Medical Education and Research (PGIMER), चंडीगढ़

समर्थन संगठन:

  • Think Foundation – Mumbai-based rare blood group registry
  • Sankalp India Foundation – Nationwide rare blood donors network
  • Indian Red Cross Society – Rare blood group division

ऑनलाइन रजिस्ट्रीज:

आप National Rare Blood Group Registry में अपना registration करवा सकते हैं, जो emergency में blood donors को connect करने में मदद करती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Bombay Blood Group वास्तव में प्रकृति का एक अनोखा चमत्कार है। यह दुनिया का सबसे rare blood type होने के बावजूद, medical science और genetics को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप या आपका कोई परिचित इस blood group से संबंधित है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी, तैयारी और medical guidance के साथ आप सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

याद रखें, आपका rare blood किसी की जान बचा सकता है। इसलिए blood donation करें और दूसरों को भी जागरूक करें।

अभी करें ये काम:

आपकी सुरक्षा, आपके हाथ में है। सही जानकारी और सही तैयारी से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है!


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

2. क्या बॉम्बे ब्लड ग्रुप वंशानुगत है?

हाँ, Bombay Blood Group एक autosomal recessive genetic condition है। इसका मतलब है कि यह माता-पिता दोनों से recessive gene (hh) मिलने पर ही बच्चे में प्रकट होता है। अगर माता-पिता दोनों carrier हैं (Hh genotype), तो उनके बच्चे में Bombay phenotype होने की 25% संभावना होती है। इसलिए अगर आप Bombay Blood Group वाले हैं, तो आपके भाई-बहन और अन्य परिवार के सदस्यों की genetic testing करवाना फायदेमंद हो सकता है।

4. अगर इमरजेंसी में बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ब्लड न मिले तो क्या करें?

यह सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति है। Emergency में निम्नलिखित options consider किए जा सकते हैं:

  • Immediate contact: तुरंत rare blood group registries और WhatsApp/Facebook groups पर emergency message भेजें
  • Regional blood banks: नजदीकी बड़े शहरों की specialized blood banks से संपर्क करें
  • Air ambulance: दूर से blood transportation के लिए air services का उपयोग
  • Directed donation: परिवार के सदस्यों से immediate testing और donation
  • Cell saver technology: Surgery के दौरान patient का खुद का blood recycle करना (intraoperative blood salvage)
  • Medical management: तब तक IV fluids, oxygen support, और अन्य supportive care से patient को stable रखना

इसीलिए preemptive planning बेहद जरूरी है! Regular blood donation camps organize करें, अपना blood पहले से store करें (autologous donation), और एक मजबूत donor network बनाएं।

6. क्या बॉम्बे ब्लड ग्रुप टेस्ट महंगा है?

सामान्य blood typing test जो ₹100-300 में हो जाता है, वह Bombay phenotype की पुष्टि नहीं कर सकता। Advanced testing जिसमें anti-H lectin test और antibody screening शामिल है, की कीमत ₹1,000-3,000 के बीच हो सकती है। Molecular genetic testing और भी महंगी है (₹5,000-15,000), लेकिन यह सबसे confirmatory होती है। कई सरकारी अस्पतालों और ICMR labs में subsidized rates पर या मुफ्त में भी यह testing उपलब्ध है।

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